प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साल के आखिरी मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने देशवासियों से कहा कि वे ओमिक्रॉन वैरिएंट को हल्के में न लें और कोरोना संबंधी सभी नियमों का पालन करें। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की उस चिट्ठी का भी जिक्र किया जिसमें उन्होंने औसत से असाधारण बनने का मंत्र दिया था। बता दें कि वरुण सिंह उसी हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए थे जिसमें देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी का भी निधन हो गया था। पीएम मोदी ने बताया कि वह एक बार फिर से छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा की प्लानिंग कर रहे हैं। आइए आपको बताते हैं कि पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में किन-किन मुद्दों को उठाया।
Mann ki baat Live updates:
-जितना पुराना और pending material है, उसे हटाने के लिए मंत्रालयों और विभागों में विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं | इस अभियान से कुछ बड़ी ही interesting चीजें हुई हैं। जब से सरकार ने पुराने तौर-तरीकों को बदलना शुरु किया है, ये फाइल्स और कागज के ढ़ेर Digitize होकर computer के folder में समाते जा रहे हैं: PM
-मुझे साफवाटर नाम से एक start-up के बारे में पता चला है जिसे कुछ युवाओं ने शुरु किया है, ये आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स की मदद से लोगों को उनके इलाके में पानी की शुद्धता और क्वॉलिटी से जुड़ी जानकारी देगा। ये स्वच्छता का ही तो एक अगला चरण है: PM
-एक बार फिर से,हम सब मिलकर परीक्षा, करियर, सफलता और विद्यार्थी जीवन से जुड़े अनेक पहलुओं पर मंथन करेंगे : PM
– साथियो, हर साल मैं ऐसे ही विषयों पर विद्यार्थियों के साथ परीक्षा पर चर्चा करता हूं। इस साल भी परीक्षा से पहले मैं छात्रों के साथ चर्चा करने की प्लानिंग कर रहा हूं: PM
– अपने पत्र में वरुण सिंह जी ने अपने पराक्रम का बखान नहीं किया बल्कि अपनी असफलताओं की बात की। कैसे उन्होंने अपनी कमियों को काबिलियत में बदला, इसकी बात की।” औसत से असाधारण बनने का उन्होंने जो मंत्र दिया है, वो भी उतना ही महत्वपूर्ण है। वरुण ने लिखा था कि अगर वो एक भी student को प्रेरणा दे सके, तो ये भी बहुत होगा | लेकिन, आज मैं कहना चाहूंगा – उन्होंने पूरे देश को प्रेरित किया है। उनका letter भले ही केवल students से बात करता हो, लेकिन उन्होंने हमारे पूरे समाज को सन्देश दिया है: PM
-वरुण जब अस्पताल में थे, उस समय मैंने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा देखा, जो मेरे ह्रदय को छू गया। इस साल अगस्त में ही उन्हें शौर्य चक्र दिया गया था। इस सम्मान के बाद उन्होंने अपने स्कूल के प्रिंसिपल को एक चिट्ठी लिखी थी। वो चाहते थे कि जिस स्कूल में वो पढ़े, वहाँ के विद्यार्थियों की जिंदगी भी एक सेलिब्रेशन बने।” इस चिट्ठी को पढ़कर मेरे मन में पहला विचार यही आया कि सफलता के शीर्ष पर पहुँच कर भी वे जड़ों को सींचना नहीं भूले। दूसरा – कि जब उनके पास सेलिब्रेट करने का समय था, तो उन्होंने आने वाली पीढ़ियों की चिंता की: PM
– ऐसा ही एक जीवन रहा ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का। “वरुण सिंह भी मौत से कई दिन तक जांबाजी से लड़े, लेकिन फिर वो भी हमें छोड़कर चले गए।” “वरुण सिंह, उस हेलीकॉप्टर को उड़ा रहे थे, जो इस महीने तमिलनाडु में हादसे का शिकार हो गया। उस हादसे में, हमने, देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत कई वीरों को खो दिया: PM
– “मेरे प्यारे देशवासियों, महाभारत के युद्ध के समय, भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कहा था – ‘नभः स्पृशं दीप्तम्’ यानि गर्व के साथ आकाश को छूना। ये भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य भी है : PM
-“ये जो नया Omicron variant आया है, उसका अध्ययन हमारे वैज्ञानिक लगातार कर रहे हैं। हर रोज नया data उन्हें मिल रहा है, उनके सुझावों पर काम हो रहा है। ऐसे में स्वयं की सजगता, स्वयं का अनुशासन, कोरोना के इस variant के खिलाफ देश की बहुत बड़ी शक्ति है।”
-हमारी सामूहिक शक्ति ही कोरोना को परास्त करेगी, इसी दायित्वबोध के साथ हमें 2022 में प्रवेश करना है