चंबा, ( गुरमीत नागपाल ): हिमाचल राज्य महिला आयोग अब उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगी जो कि महिला प्रताड़ना से जुड़े मामलों को हल्के में लेते हुए उस पर टालमटोल करेंगे। हिमाचल राज्य महिला आयोग अध्यक्ष डेजी ठाकुर ने चंबा दौरे पर यह बात कही।
उन्होंने कहा कि आयोग के सामने यह बात आई है कि महिला प्रताड़ना के कई मामलों पर कुछ पुलिस कर्मी गंभीरता नहीं दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक तो आयोग ने इस मामले पर किसी भी पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायत या कार्यवाही नहीं की है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हिमाचल राज्य महिला आयोग के पास साढ़े 400 से अधिक महिला प्रताड़ना से संबंधित मामले है तो वहीं कोविड के दौरान ऐसे मामलों की संख्या बढ़ गई थी।
उन्होंने कहा कि राज्य महिला आयोग ने कई महिलाओं को इंसाफ दिलवाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहां है कि अभी तक कई संरक्षण अधिकारी महिला प्रताड़ना से संबंधित मौजूदा कानून से अनभिज्ञ है। यही वजह है कि आयोग उन्हें जागरूक करने के लिए जागरूकता शिविरों को आयोजित कर रहा है।
ठाकुर ने कहा कि महिला प्रताड़ना का मतलब यह नहीं कि महिला को सिर्फ शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने पर ही कार्रवाई की जाएगी बल्कि मानसिक व सामाजिक दृष्टि से उसके साथ होने वाले भेदभाव भी इसी कानून के दायरे में आता है। उन्होंने कहा कि जिला चंबा में एक लड़की जो कि उपचार कराने गई थी उसके साथ गलत होने और बाद में मामला दर्ज हुए बगैर उसका निपटारा होने की बात सामने आई है। राज्य महिला आयोग इस मामले की तह तक जाने के लिए इसकी स्वयं जांच करेगा। उन्होंने कहा कि आयोग का काम घरों को तोड़ना नहीं बल्कि जोडना है।
उन्होंने कहा कि हमें ऐसा वातावरण तैयार करना है जहां लोग सुख शांति के साथ रह सकें। जहां तक राज्य महिला आयोग की बात है तो एक वर्ष में करीब साढ़े 400 महिला प्रताड़ना से संबंधित मामले आयोग के पास आते हैं तो इसके अतिरिक्त हर दिन आयोग के पास 10 से 15 मामले ऐसे आते हैं जिसमें महिलाएं आयोग से संपर्क करके मार्गदर्शन लेती है।